
नमस्ते, 11 वर्षों में पहली बार RBI ने डॉलर की जगह सोना खरीदा है। हाल ही में रूस, चीन और भारत जैसे कई देश सोना खरीदने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं।
सबसे ज़्यादा सोना खरीदने वाला देश रूस है।
रूस की सोने की खरीदारी
2022 – 60.7 टन
2023 – 71.2 टन
2024 – 73.7 टन
लेकिन पहले हम “विदेशी मुद्रा” (Foreign Exchange) के बारे में जान लें।
इसका मतलब होता है — किसी देश द्वारा अपने लेन-देन, ऋण चुकाने या व्यापार करने के लिए प्रयुक्त धनराशि।
पहले विदेशी मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर का उपयोग किया जाता था, और डॉलर को वैश्विक मुद्रा (Global Currency) का दर्जा प्राप्त था।
उदाहरण के लिए, भारत यदि किसी दूसरे देश से कोई वस्तु खरीदता था, तो बदले में भारत को उस देश को डॉलर में भुगतान करना पड़ता था।
अर्थात, जिसके पास जितने अधिक डॉलर होते थे, उसकी अर्थव्यवस्था उतनी ही मजबूत और स्थिर मानी जाती थी।
डॉलर इतना शक्तिशाली कैसे बना ?
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सभी देशों की अर्थव्यवस्थाएँ बर्बाद हो गई थीं। उस समय अमेरिका ही एकमात्र देश था जिसके पास सबसे ज़्यादा सोना था। इस बात का फ़ायदा उठाते हुए अमेरिका ने सभी देशों को यह गारंटी दी कि वे अपने डॉलर के बदले में सोना ले सकते हैं। इस प्रस्ताव को सभी देशों ने स्वीकार कर लिया। तभी से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर का उपयोग शुरू हुआ और धीरे-धीरे यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली मुद्रा बन गया|
डॉलर की जगह सोने ने कैसे ले ली ?
1971 में अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने घोषणा की कि अब से डॉलर के बदले में जो सोना दिया जाता था, वह बंद कर दिया जाएगा। तब दुनिया भर में साफ़ हो गया कि हम डॉलर पर कितने निर्भर हैं और अमेरिका इससे कितना लाभ उठा रहा था। इसके बाद कई देशों ने अपनी केंद्रीय बैंकों में डॉलर की जगह सोना जमा करना शुरू कर दिया।
रूस का सोने का भंडार*
- 2015 – 1200 टन
- 2025 – 2500 टन से अधिक
- 10 वर्षों में वृद्धि – दोगुनी

डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ चीन और भारत पर लगाए थे, उसके बाद इन दोनों देशों ने डॉलर की जगह सोना खरीदना शुरू कर दिया। इसका एक और उदाहरण रूस है — जब 2022 में रूस ने यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू किया, तब अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए। इसके बाद रूस ने अपने विदेशी भंडार (foreign reserve) को 20% से बढ़ाकर सीधे 36% तक कर दिया, वहीं भारत ने भी अपना विदेशी भंडार 7% से बढ़ाकर 14% तक पहुंचा दिया।
भारत का सोने का भंडार
- 2015 – 557 टन
- 2025 – 880 टन
- 10 वर्षों में 58 प्रतिशत की वृद्धि
देशों के विदेशी भंडार में सोने का हिस्सा*
- चीन – 3% से बढ़कर 8%
- रूस – 20% से बढ़कर 36%
- भारत – 7% से बढ़कर 14%
